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नंद उत्सवके शुभ अवसर पर श्रीलाडले लाल प्रभुको पधराया गया नवनिर्मित मंदिरमें

नंद उत्सवके शुभ अवसर पर श्रीलाडले लाल प्रभुको पधराया गया नवनिर्मित मंदिरमें

पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजीकी हवेलीमें दि. 27/08/2024 नंद उत्सवके शुभ अवसर पर तिलकायतश्रीकी आज्ञा एवं श्रीविशालबावाकी प्रेरणासे प्रभुके सुखार्थ एवं सेवामें सरलता एवं सुरक्षाको दृष्टिगत रखते हुए श्रीलाडले लाल प्रभु श्रीनवनीत प्रियाजीके प्राचीन निज मंदिरके जीर्णोद्वारकी आवश्यकताको देखते हुए एवं निज मंदिर बहुत ही प्राचीन होनेसे जीर्णोद्वारकी आवश्यकता व सुरक्षाकी दृष्टिसे कमजोर स्थितिमें होनेके कारण एवं प्रभुके सुरक्षा एवं सेवामें सुविधा एवं सुखार्थको ध्यानमें रखते हुए गो.ति.108 श्रीराकेशजी (श्रीइंद्रदमनजी) महाराजश्रीकी आज्ञा एवं गो. चि.105 श्रीविशाल बावाकी प्रेरणासे श्रीलाडले लाल प्रभु श्रीनवनीत प्रियाजीके प्राचीन निज मंदिरके जीर्णोद्वार कार्यकी आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए, जीर्णोद्वारका कार्य करवाया जाएगा, इसलिए अस्थाई रूपसे श्रीनवनीत प्रियाजीकी सेवा एवं दर्शन व्यवस्था श्रीनवनीत प्रियाजीके प्राचीन बगीचेमें अस्थाई मंदिरका निर्माण कराकर नंद उत्सवके शुभ अवसर पर तिलकायतश्री एवं श्रीविशालबावा व श्रीलालबावाके कर कमलोंसे लाडले लाल प्रभुको स्वर्ण जडित सुखपालमें बिरजाकर स्वस्ती वाचन एवं वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधानसे पधराकर लालनके प्राचीन बगीचेमें स्थित नवनिर्मित मंदिरमें विराजित किया गया ।
जहां प्रभु प्राचीन निज मंदिरका जब तक पूर्ण रूपसे जीर्णोद्वार नहीं हो जाता तब तक प्रभु यहां विराजेेंगे और प्रभुकी सेवा एवं दर्शन व्यवस्था यहींसे सुचारू रूप रहेगी। दर्शन व्यवस्थामें वैष्णव जन महाप्रभुजीकी बैठकसे होकर प्राचीन बगीचेमें स्थित नवनिर्मित लाडले लाल प्रभुके मंदिरमें दर्शन कर पुनः बगीचेके द्वारसे बाहर प्रस्थान करेंगे । विसावदरके वैष्णव प्रतिनिधि केयुरभाई अभाणीने अखबारमें जानकारी दी।

सी। वी। जोशी विसावदर

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